लापरवाही से वाहन चलाने वाले अब जाएंगे जेल
महानगर में लापरवाही से वाहन चलाने वालों की अब खैर नहीं होगी। ट्रैफिक पुलिस ने ऐसे लोगों को मोहर व्हीकल एक्ट के तहत गिरफ्तार करने की मुहिम छेड़ दी है। एसीपी ट्रैफिक गुरदेव सिंह ने बताया कि विगत सात दिनों के दौरान ट्रैफिक पुलिस ने 125 से ज्यादा वाहन चालकों के कलंदरे काट उन्हें गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया है। इसी के साथ लुधियाना राज्य का पहला ऐसा जिला बन गया, जहां अब खतरनाक ढंग से वाहन चलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होने लगी है। शहर में 34 टीमें तैनात
खतरनाक ड्राइविंग करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और एएसआइ की 34 टीमें शहर के विभिन्न चौराहों पर तैनात की गई हैं, जिसमें करीब 200 मुलाजिम ऐसे वाहन चालकों पर नजर रखते हैं, जिनकी ड्राइविंग से नियम टूटते हैं और दूसरों की जान को खतरा होता है। मोटर व्हीकल एक्ट 184
रांग साइड व ओवर स्पीड भी चले तो कटेगा कलंदरा
खतरनाक तरीके से की गई ड्राइविंग, जिससे किसी की भी जान को खतरा पैदा हो सकता है। रांग साइड, ओवर स्पीड चलना व रेड लाइट जंप करना भी उसमें शामिल है। ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट 184 के तहत कलंदरा काटा जाता है, जिसमें बिना किसी वारंट के पुलिस वाहन चालक को गिरफ्तार कर सकती है। मामले में अदालत आरोपित वाहन चालक को छह महीने की कैद और एक हजार रुपये जुर्माना की सजा सुना सकती है। यदि आरोपित सजा सुनाए जाने के तीन साल के अंदर फिर से जुर्म करता है तो उसे दो साल की कैद और दो हजार रुपये जुर्माना भरने का प्रावधान है। मोटर व्हीकल एक्ट 185
शराब पीकर गाड़ी चलाई तब भी खैर नहीं
शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट 185 के तहत कलंदरा काटा जाता है, जिसमें बिना किसी वारंट के पुलिस वाहन चालक को गिरफ्तार कर सकती है। मामले में अदालत आरोपित को 6 महीने की कैद और दो हजार रुपये जुर्माना कर सकती है। वो ही जुर्म तीन साल के अंदर रिपीट करने पर उसे दो साल की सजा और तीन हजार रुपये जुर्माना हो सकता है। मोटर व्हीकल एक्ट 197
बिना इजाजत किसी की गाड़ी ली तो भी कार्रवाई
किसी और की गाड़ी को बिना इजाजत ले जाने वाले के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट 197 के तहत कलंदरा काटा जाता है, उसमें भी बिना किसी वारंट के पुलिस वाहन चालक को गिरफ्तार कर सकती है। मामले में अदालत आरोपित वाहन चालक को तीन महीने की कैद और 500 रुपये जुर्माना कर सकती है। कोट्स
ट्रैफिक पुलिस का मकसद वाहन चालकों को तंग या परेशान करना नहीं है। लोगों ने चालानों को हलके में लेना शुरू कर दिया था, जिससे ट्रैफिक में वायलेशन बढ़ गए। इंसानी जानें बेहद कीमती हैं। उन्हें बचाने के लिए ऐसे सख्त कदम उठाने जरूरी हो गए थे। शहरवासियों से अपील है कि वो पुलिस अधिकारी को देख कर सतर्क होने की बजाय, खुद ही यातायात नियमों का पालन करते हुए वाहन चलाएं, ताकि पुलिस को चालान या कलंदरे न काटने पड़े।
सुखपाल सिंह बराड़, एडीसीपी ट्रैफिक
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