आठ फीसद से ज्यादा फीस वसूलने वाले स्कूलों को बोर्ड ने भेजे नोटिस, मांगा जवाब
राजेश भट्ट, लुधियाना: पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड से एफिलिएटिड स्कूलों के संचालक ही बोर्ड के बिछाए जाल में फंस गए हैं। स्कूल संचालक अब बोर्ड के बिछाए जाल से बाहर निकलने के लिए छटपटा रहे हैं, लेकिन उन्हें रास्ता नहीं मिल रहा है। कई स्कूल संचालक तो अब कानूनविदों से भी राय लेने लगे हैं। दरअसल निजी स्कूल संचालकों ने फीस रेगुलेटरी कमेटी के आदेशों को ताक पर रखकर आठ फीसद से ज्यादा फीस बढ़ा दी और पूरा साल विद्यार्थियों से बढ़ी फीस वसूलते रहे। लेकिन पकड़े जब गए, तब बोर्ड ने स्कूल संचालकों से कंटीन्यूशन परफार्मा में फीस की डिटेल पूछी। पिछले साल की फीस के साथ तुलना करने पर पाया गया कि कई स्कूलों ने आठ फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी की है। बोर्ड ने अब ऐसे स्कूलों को नोटिस जारी करके जवाब तलबी की है।
सूबे में निजी स्कूल संचालकों और अभिभावकों के बीच करीब तीन साल से फीस बढ़ोतरी को लेकर खींचतान चल रही है। जिसके बाद पंजाब सरकार ने जस्टिस अमरदत्त कमेटी का गठन किया। कमेटी ने सिफारिश की थी कि स्कूल संचालक आठ फीसद से ज्यादा फीस बढ़ोतरी नहीं कर सकेंगे। इसके बाद सरकार ने फीस रेगुलेटरी कमेटी का गठन किया और कमेटी ने भी जस्टिस अमरदत्त कमेटी की सिफारिशें लागू करने को कहा। इसके बावजूद निजी स्कूल संचालकों ने आठ फीसदी से ज्यादा फीस बढ़ा दी। जिन स्कूलों की शिकायतें हो रही थी उनकी जाच तो कमेटी के पास चल रही है। लेकिन जिनकी शिकायत नहीं हुई उन्हें अब बोर्ड ने पकड़ लिया है। दरअसल कंटीन्यूशन परफार्मा में बोर्ड ने स्कूलों से क्लास वाइज फीस डिटेल मागी थी। जिसकी तुलना बोर्ड ने पिछले साल की फीस से की है। जिससे यह बात सामने आई है कि सूबे के ज्यादातर स्कूलों ने फीस में 8 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी की है। अब बोर्ड ने स्कूलों को नोटिस जारी कर इस बारे में जवाब देने को कहा है। बोर्ड के जन संपर्क अधिकारी कोमल सिंह का कहना है कि एफिलिएशन ब्राच की तरफ स्कूलों को नोटिस भेजकर जवाब मागे गए हैं। जवाब के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
Courtesy By :- Jagran