सफाई कर्मी सेग्रीगेशन के लिए सड़क पर बिखेर देते हैं कूड़ा
जागरण संवाददाता, लुधियाना : सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नगर निगम ने स्वच्छता पखवाड़े में कूड़ा सेग्रीगेशन पर बड़ा जोर दिया, लेकिन नगर निगम का यह अभियान पूरी तरह असफल साबित हो रहा है। निगम के सफाई कर्मी ही इस मुहिम की हवा निकाल रहे हैं। लोग जब सफाई कर्मचारी को कूड़ा देते हैं तो वह गीला व सूखा कूड़ा मिला देते हैं। सेकेंडरी डंप पर आने के बाद वह कूड़ा डंप के अंदर डालने के बजाय बाहर बिखेर देते हैं और वहां आकर फिर कूड़े को अलग-अलग करते हैं, जिसकी वजह से कूड़ा डंप के बाहर पड़ा रहता है। कई जगहों पर तो कूड़े की वजह से ट्रैफिक भी प्रभावित होता है। पंजाब म्युनिसिपल इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट बोर्ड के अधिकारियों ने स्वच्छता पखवाड़े में अलग-अलग नगर निगमों में जाकर सेनेटरी इंस्पेक्टर व चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टरों को कूड़ा सेग्रीगेशन की ट्रेनिंग दी। उन्हें बताया गया था कि सफाई कर्मियों के रेहड़े के दो हिस्से बनवाएं। पहले हिस्से में गीला और दूसरे हिस्से में सूखा कूड़ा डाला जाए। उन्होंने यहां तक कहा था कि जब तक निगम रेहड़ों को अपडेट नहीं करता है तब तक वह रेहड़ों पर थैले लटकाकर उनमें सूखा कूड़ा रख सकते हैं, लेकिन निगम ने न तो रेहड़े अपग्रेड किए और न ही सफाई कर्मियों ने रेहड़ों पर थैले लगाए, जिसकी वजह से कूड़ा प्रबंधन की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। वेस्ट मैनेजमेंट वाली कंपनी भी कई बार निगम को इस बारे में कह चुकी है कि कूड़ा बाहर न बिखेरा जाए। इसके बावजूद सफाई कर्मी कूड़ा बिखेरने से बाज नहीं आ रहे। एटूजेड कंपनी के इंचार्ज विशांत चौधरी का कहना है कि सफाई कर्मियों को कई बार कहा गया है कि वह कूड़ा बाहर न फेंके इसके बावजूद वह ऐसा करने से बाज नहीं आ रहे हैं। कूड़ा बीनने वालों से होता है कांट्रेक्ट
सफाई कर्मचारी घरों से कूड़ा अलग-अलग नहीं लेते हैं। सेकेंडरी कूड़ा डंपों पर आकर वह कूड़ा बिखेर देते हैं और फिर कूड़ा बिनने वाले उसमें से बिकने वाला सामान अलग कर देते हैं। इसके लिए सफाई कर्मी कूड़ा बिनने वालों से कांट्रेक्ट कर देते हैं।
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