मंडियों में धान की खरीद सुस्त, पेमेंट में देरी से किसान परेशान
डीएल डॉन, लुधियाना: मंडियों में धान की खरीद सुस्त होने से खरीद एजेंसियों के कर्मचारी चिंतित हैं। अधिकारी बताते हैं कि पहले एक माह में खरीद हो जाती थी। अब फसल लेट पकने के कारण अक्टूबर में कम आमद हुई। जबकि नवंबर में धान ज्यादा आने का अनुमान है। वर्ष 2016 में कुल धान 1708361 मीट्रिक टन खरीद हुई, जिससे सरकार ने जिले में वर्ष 2017 के लिए 19 लाख एमटी लक्ष्य रखा और खरीद 19 लाख 3 हजार मीट्रिक टन धान खरीद हुआ। वर्ष 2018 के इसलिए करीब 20 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है। जिला फूड सप्लाई विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार शाम तक 2931342 मीट्रिक टन धान खरीद हुई है। खरीद एजेंसियों का तर्क है कि वर्ष 2017 में भी धान की खरीद 15 नवंबर तक चली थी। इस बार भी खरीद देर तक चलेगी, जिससे उम्मीद है कि नवंबर तक धान खरीद जारी रहेगा। पेमेंट और लिफ्टिंग में देरी
मंडियों में करीब 14000 मीट्रिक टन धान का अंबार लगा हुआ है। लिफ्टिंग में देरी से किसान भी परेशान हैं। मंडियों में धान होने से किसानों को अब भी मंडियों में रुकना पड़ रहा है। किसान दिवाकर सिंह, परमजीत सिंह, विचित्तर सिंह, परमिंदर सिंह व सोहन सिंह ने बताया कि धान का लिफ्टिंग नहीं होने से धान की रखवाली के लिए मंडी में रुकना पड़ रहा है। सरकार पेमेंट और लिफ्टिंग समय से कराए। गत वर्ष के मुकाबले उपज कम
वर्ष 2017 के मुकाबले इस वर्ष धान की उपज कम होने की संभावना है। जबकि सरकार ने लक्ष्य अधिक रखा है। मंडियों में धान की आवक कम हो जाने से जिला फूड सप्लाई इंस्पेक्टरों का कहना है कि खरीद संपन्न होने के बाद ही पता चल पाएगा कि धान की उपज कैसी रही। वहीं जिला फूड सप्लाई अधिकारी राकेश भास्कर ने कहा कि नवंबर के लास्ट तक पता चल पाएगा कि धान की उपज क्या है। खरीद और पेमेंट ठीक: राकेश
मंडियों में धान खरीद सुस्त होने और किसानों को पेमेंट लेट मिलने के बारे में जिला फूड सप्लाई अधिकारी राकेश भास्कर से बात करने पर उन्होंने कहा कि डेली पेमेंट हो रहा है। कुछ कारणों से कभी किसी किसान की पेमेंट में देरी हो सकती है। धान खरीद तेजी में है। जबकि किसान ही धान कम ला रहे हैं।
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