पर्यावरण बचाने का लिया संकल्प, 3 साल से खेत में मिला रहे पराली
बिंदु उप्पल, जगराओं
विकास की भेंट चढ़ने से पंजाब में हजारों पेड़ों की बलि दी जा चुकी है। दूसरा धान की फसल की कटाई के बाद अकसर किसान पराली को जला देते थे। पर अब किसान काफी जागरूक हो रहे हैं। इसके लिए प्रशासन और मीडिया भी अधिक से अधिक किसानों तक पहुंच बना रहा है। इसमें दैनिक जागरण भी अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है। जागरण भी पिछले कुछ वर्षो से इस संबंधी अभियान चला रहा है। इस बार भी ‘पराली नहीं जलाएंगे, पर्यावरण बचाएंगे’ अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत गांवों में वर्कशॉप लगाकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इसका असर भी देखने को मिल रहा है।
जगराओं तहसील के गाव लक्खा के प्रोग्रेसिव किसान हरमिंदर सिंह ने बताया कि बड़े स्तर पर चलाए जा रहे जागरुकता अभियानों ने उनके मन में घर कर लिया। अब वह पिछले तीन वर्षो से खेतों में ही पराली को मिला रहे हैं। इससे पर्यावरण प्रदूषित होने से बच जाता है और बीमारियों से भी निजात मिल रही है। दैनिक जागरण से बातचीत में किसान हरमिंदर ने बताया कि उनके दादा प्रीतम सिंह व पिता गुरचरण सिंह शुरू से खेती करते हैं। अब परिवार गेहूं, धान व आलू की खेती करता है। पहले वह आलू की फसल के लिए खेत तैयार करने के लिए धान की कटाई के बाद पराली को जल्द जला देते थे। तब पराली के धुएं की चादर से दमा, आखों की बीमारिया बहुत होती थी। पिछले वर्षो से सरकार द्वारा पराली न जलाओ की जागरुकता अभियान से मैंने भी ठाना कि मैं पराली नहीं जलाऊंगा। तब से पराली को जमीन में ही मिला देता हूं। वह 60 एकड़ में खेती करते हैं। एसएमएस वाली कंबाइन से कटवाई धान, 4 हजार खर्च बढ़ा
किसान हरमिंदर सिंह ने बताया कि पराली न जलाने से हालांकि उनका 4000 रुपये प्रति एकड़ खर्च जरूर बढ़ गया है। पर वह अब पर्यावरण बचाने में अपना भी योगदान देने लगे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षो से किराए पर एसएमएस वाली कंबाइन मंगवाकर धान की कटाई करवा रहे हैं। पराली को जमीन में मिलाने के बाद मल्चर, रोटावेटर, हलटावा चलाते हैं ताकि खेत अगली फसल के लिए तैयार हो जाएं। किसान हरमिंदर सिंह ने बताया कि पराली न जलाने से बहुत फायदे हुए हैं। इससे जमीन में मित्र कीड़े खत्म नही हुए। छोटे तत्व सल्फर, नाइट्रोजन, पोटाश व अन्य तत्व खराब नहीं हुए। गेहूं की फसल को गुली -डंडा नहीं लगता। प्रोग्रेसिव फार्मर का सम्मान देकर 26 जनवरी को प्रशासन ने नवाजा था
किसान हरमिंदर सिंह द्वारा पराली न जलाने के कारण जगराओं प्रशासन ने उनको प्रोग्रेसिव फार्मर के तौर पर सम्मानित किया था। उनको एसडीएम राम सिंह ने बीती 26 जनवरी को नवाजा था। उन्होंने कहा कि सरकार यदि पराली जलाने पर रोक लगा रही है तो सरकार डीजल के लिए 200 रुपये प्रति एकड़ बोनस भी दे। इसके अलावा धान की खराब फसल के लिए बोनस जरूर दे। हरमिंदर ने बताया कि खेती के काम में उनका छोटा भाई सिकंदर सिंह भी सहयोग देता है।
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