लूट की वारदातों में बढ़ी सिक्योरिटी गार्डों की संलिप्तता, अब प्रशासन ने किया यह फैसला
दिलबाग दानिश, लुधियाना: सिक्योरिटी एजेंसी से हटाए व निकाले गए गार्डों की लूट की वारदातों में संलिप्तता को देखते हुए प्रशासन ने सिक्योरिटी गार्डों को रजिस्टर्ड करने का फैसला लिया है। प्रदेश में प्राइवेट जगहों पर सुरक्षा मुहैया करवाने वाली एजेंसी को अब अपने गार्ड रजिस्टर्ड करवाने ही होंगे। सिक्योरिटी गार्डों को प्रशासन यूआइडी कार्ड देगा, जिसमें उनका पूरा विवरण दिया रहेगा। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है। एडीजीपी सिक्योरिटी योजना की देख रेख कर रहे हैं। पहले फेज में डिप्टी कमिश्नर, कमिश्नर ऑफ पुलिस और नगर निगम को सिक्योरिटी एजेंसियों का डाटा इक_ा करने को कहा गया है। प्रशासन अब शहर की सभी एजेंसियों की जांच करेगा कि किन एजेंसियों के पास लाइसेंस हैं और कौन सी बिना लाइसेंस के ही चल रही है। इसके बाद उन्हें रजिस्टर्ड होने का मौका दिया जाएगा।
दस हजार यूनिट पर तैनात हैं 15 हजार सिक्योरिटी गार्ड
औद्योगिक नगरी में दस हजार के करीब फैक्ट्री और संस्थान हैं यहां पर करीबन 15 हजार सिक्योरिटी गार्ड काम करते हैं, मगर सभी रजिस्टर्ड नहीं होते हैं। रजिस्टर्ड एजेंसी में भी बहुत से ऐसे मुलाजिम हैं, जिन्हें प्रशिक्षण नहीं दिया गया होता।
तीन माह से चल रही एक्सरसाइज
योजना पर अमल करने के लिए पुलिस पिछले तीन माह से इस पर काम कर रही है। एडीजीपी सुरक्षा आरएन ढोंके के सुपरिंटेंडेंट की ओर से इस संबंधी जिला पुलिस मुखियों के साथ जाकर मीटिंगें भी की गई हैं। ऐसी ही एक मीटिंग पुलिस लाइन में डीसीपी अश्वनी कपूर के साथ भी हुई है। एडीजीपी सुरक्षा आर एन ढोंके ने हाल ही में एक पत्र लिखकर पुलिस कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर और नगर निगम कमिश्नरों को एजेंसियों का डाटा इक_ा करने को कहा है जो बिना लाइसेंस के चल रही हैं।
एजेंसी रजिस्टर्ड नहीं तो हो सकता है जुर्माना
सीपी डॉ. सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि शहर में प्राइवेट सुरक्षा मुहैया करवाने वाली एजेंसी को अगर रजिस्टर्ड नहीं करवाया जाता है तो (रेगुलेशन) एक्ट 2005 की उल्लंघना होगी, जिसमें एक साल की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माना हो सकता है। अगर एजेंसी को रजिस्टर्ड नहीं करवाया जाता तो सख्त कार्रवाई होगी।
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