पंचायत चुनाव: बुजुर्गों को याद नहीं हो रहे चुनाव चिन्ह, उम्मीदवाराें को करनी पड़ रही मशक्कत
जेएनएन, समराला। पंचायत चुनाव में सरपंच का चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को चुनाव चिन्हों की वजह से कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। बुजुर्ग वोटरों को खटिया, प्रेशर कुकर, सीटी, हेडफोन सहित तमाम चुनाव चिन्ह याद नहीं हो पा रहे हैं। लिहाजा उम्मीदवारों को इन्हें याद करवाने के लिए काफ मेहनत करनी पड़ रही है। 30 दिसंबर को पंचायत चुनाव है। नए चुनाव चिन्हों पर मोहर लगवाने के लिए बुजुर्ग वोटरों को रट्टा लगवाया जा रहा है। कुछ उम्मीदवार तो प्रचार करते समय चुनाव चिन्ह लेकर वोटरों को दिखा रहे हैं। कुछ उम्मीदवारों ने पोस्टरों के अलावा सोशल मीडिया का भी सहारा लिया है और सोशल मीडिया पर उन्हें विदेशों में बैठे रिश्तेदारों को संपर्क करके गांवों में बैठे वोटरों को वोट डालने के लिए अपील कर रहे हैं।
एक बुजुर्ग वोटर हरनेक सिंह का कहना है कि उन्हें तो पुराने चुनाव निशान ही याद हैं। नए याद करने में दिक्कत आ रही है। वह उम्मीदवारों द्वारा बताए चुनाव चिन्ह भूल जाते हैं, इसलिए कुछ परिवारों के मुखियों ने तो अपने बुजुर्ग वोटरों को छोटे-छोटे चुनाव चिन्ह बैटरी, मोमबत्ती, कैची के अलावा अन्य छोटे-छोटे चिन्ह लेकर दिए हैं ताकि उन्हें मोहर लगाने के समय याद आ सकें। गांव सिहाला में सरपंच का चुनाव लड़ रहे नीरज सिहाला भी अपने चुनाव चिन्ह ट्रैक्टर पर प्रचार कर रहे हैं। इसके अलावा बाल्टी, कैची, बैटरी, टोकरी, मोमबत्ती, माइक चिन्ह के अलावा अन्य छोटे-छोटे चुनाव चिन्ह लेकर प्रचार कर रहें हैं।
यह हैं चुनाव चिन्ह
खटिया, प्रेशर कुकर, सीटी, हेडफोन, माइक, कैंची, टेलिफोन, टायर, स्टूल, रोडरोलर, एयर कंडीशनर, बेंच, टाई, टोकरी, ऑटो रिक्शा, मेज, बाल्टी, ट्रक, चक्की, रूम कूलर, ट्रैक्टर, कप व प्लेट, मोमबत्तियां, फलों की टोकरी आदि चुनाव चिन्ह इस बार दिए गए हैं।
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