तय मापदंड के मुताबिक निर्माण नहीं करने पर 300 औद्योगिक यूनिटों को नोटिस, , हड़कंप
घरों के साथ-साथ अब कारखानों में भी बिल्डिंग बायलॉज के उल्लंघन को लेकर विभाग ने सख्ती कर दी है। पंजाब स्माल इंडस्ट्रीज एवं एक्सपोर्ट कार्पोरेशन (पीएसआइईसी) ने 300 के करीब औद्योगिक यूनिटों को नोटिस भेजकर बिल्डिंग वायलेशन करने पर जवाब देने को कहा है। विभाग की ओर से इसकी शुरुआत औद्योगिक नगरी से की गई है। शहर में फोकल प्वाइंट फेज-4, फेज-4ए, फेज-5, फेज-6, फेज-7 और फेज-8 की औद्योगिक इकाइयों को नोटिस जारी किया गया है और कहा कि तय मापदंड के मुताबिक भवन का निर्माण क्यों नहीं किया गया। इसके लिए एक माह में जवाब देने और न देने की सूरत में प्लॉट रद करने तक की चेतावनी दी गई है। ऐसे में इन इलाकों से संबंधित 2200 के करीब इंडस्ट्री में हड़कंप मचा है। जिन औद्योगिक यूनिटों को नोटिस जारी किए गए हैं इन पर नियमों के मुताबिक बिल्डिंग नहीं बनाने, तय मापदंड के अनुसार आगे और पीछे की तरफ जगह नहीं छोड़ने, पास करवाए गए नक्शे के मुताबिक फैक्ट्री की इमारत नहीं बनाने या कहीं अधिक जगह कवर करने पर जवाब मांगा गया है।
ज्ञात हो कि इनमें से 80 फीसद इंडस्ट्री की ओर से नियमों के विपरीत भवन निर्माण किए गए हैं। ऐसे में इस कार्रवाई के घेरे में शहर की प्रमुख इंडस्ट्री आ जाएगी। इसको लेकर औद्योगिक संगठनों ने उद्योग मंत्री से मिलकर राहत देने की मांग करने की तैयारी की है। उद्यमियों का कहना है कि सरकार को इसके लिए वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी लानी चाहिए ताकि चल रहे उद्योगों को समस्या न हो। वन टाइम सेटलमेंट स्कीम देकर राहत दी जाए: प्रधान रलहन
लुधियाना हैंडटूल एसोसिएशन के प्रधान एससी रलहन के मुताबिक इन इलाकों में फैक्ट्रीयां बने कई साल हो चुके हैं। ऐसे में अगर कुछ कंपनियों ने नियमों का उल्लंघन किया है, तो उन्हें इसके लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम देकर राहत देनी चाहिए। कई सालों से लुधियाना में कोई नया फोकल प्वाइंट नहीं बना है और जमीन महंगी होने से इंडस्ट्री ने उपलब्ध जमीन पर ही एक्सपेंशन कर दी। फोकल प्वाइंट फेज-4ए के प्रधान राजन गुप्ता के मुताबिक आतंकवाद के समय इंडस्ट्री ने भवनों को सेफ्टी के लिए इस हिसाब से बना लिया, जिससे कई जगह पर नियमों की उल्लंघना हो गई है। सरकार को सेफ्टी नियमों को पूरा करने के लिए कंपनियों को पर्याप्त प्रबंध करने को कहना चाहिए। इसके साथ ही जो भवन इतने सालों से देश की आर्थिक तरक्की में योगदान दे रहें हैं, इन्हें कोई वन टाइम पॉलिसी लाकर राहत देनी चाहिए।
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