किसान विंग के नेता बूटा सिंह ने छोड़ा अकाली दल, सीपीआइएम में हुए शामिल
जेएनएन, जगराओं। शिरोमणि अकाली दल के किसान विंग के प्रदेश सीनियर उपाध्यक्ष बूटा सिंह चकर शिरोमणि अकाली दल बादल को छोड़कर साथियों सहित सीपीआइएम (एमएल) लिबरेशन और पंजाब किसान यूनियन में शामिल हो गए। बूटा सिंह ने कहा कि उनकी विचारधारा हमेशा इंकलाबी रही हैख् लेकिन कुछ कारणों से उन्हे इस लहर से दूर होना पड़ा। उनका जमीर अब अकाली दल में रहने के लिए इजाजत नहीं दे रहा था, इसलिए वह सोच-समझ कर शिरोमणि अकाली दल को छोड़कर सीपीआइ एमएल लिबरेशन और पंजाब किसान यूनियन में शामिल हुए है। वह किसानों और मजदूरों के हितों के लिए संघर्ष करते रहेगे।
इस दौरान गांव चकर में आयोजित की गई बैठक में पंजाब किसान यूनियन के प्रदेश प्रधान रुलदु सिंह मानसा और सीपीआइ एमएल लिबरेशन के केंद्रीय कमेटी के सदस्य राजविंदर सिंह राणा ने बूटा सिंह चकर का उनके साथ जुड़ने के लिए स्वागत करते कहा कि पंजाब में अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार और मौजूदा कांग्रेस सरकार ने लोगों के हितों को कुचला है। बूटा सिंह चकर जैसे संघर्षशील नेताओं का साथ आम आदमी के लिए बहुत जरूरी है। उन्होने बूटा सिंह को पंजाब किसान यूनियन जिला लुधियाना का कन्वीनर नियुक्त किया। बैठक को यूनियन के सूबा उपाध्यक्ष गोरा सिंह और करनैल सिंह मानसा ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर कुलवंत सिंह कैलपुर, गुरबख्श सिंह हठूर, बलवीर सिंह माणूके, गुलाब सिंह माणूके, परविंदर सिंह सोनी, करमजीत सिंह करमा, सुखदेव सिंह किंगरा, गुरमीत सिंह संधू, गुरदेव सिंह, बिंदर सिंह संधू, जग्गा सिंह, चमकौर सिंह कमालपुरा भी बूटा सिंह चकर के साथ पंजाब किसान यूनियन में शामिल हुए।
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