एक साल बीता, मारे गए लोगों के परिजनों को नहीं मिली नौकरी, मकान के लिए मुआवजे का इंतजार

लुधियाना, जेएनएन: सूफियां चौक स्थित अमर संस पॉलिमर में हुई आगजनी की उस भयावह घटना को मंगलवार को एक साल पूरा हो गया, जिसकी चपेट में आकर 16 लोग अपनी बेशकीमती जान गंवा बैठे थे। उनमें से तीन तो ऐसे भी बदनसीब निकले, जिनके शव तक बरामद न हो सके। मृतक कर्मचारियों के परिजनों को सरकार द्वारा घोषित दस लाख का मुआवजा मिल चुका है, मगर एक सदस्य को नौकरी देने का एलान अभी पूरा नहीं किया गया। हादसे में मारे गए आम आदमी के परिजनों को केवल दो-दो लाख रुपये ही मिले। एक साल बाद भी हादसे की चपेट में आई पड़ोस की इमारतों के मालिकों को कोई मुआवजा नहीं मिला है।
वहीं मृतकों के परिजनों के मन में कहीं न कहीं टीस बाकी है। 20 नवंबर 2017 को सूफियां चौक स्थित अमर संस पॉलिमर फैक्ट्री में भीषण आग लग गई थी। फैक्ट्री में पड़े अत्यंत ज्वलनशील पदार्थो की वजह से आग ने भयानक रूप ले लिया था, जिसके चलते तीन मंजिला इमारत एक जबरदस्त धमाके के साथ जमींदोज हो गई थी। हादसे के दौरान तीन सब फायर अफसर राजिंदर शर्मा, शिमोन गिल, राजकुमार, लीडिंग फायर मैन पूर्ण सिंह, मनोहर लाल, फायर मैन राजन कुमार, विशाल कुमार, सुखदेव सिंह, मनप्रीत सिंह के अलावा भावाधस के राष्ट्रीय संचालक व चीफ सेनेटरी अफसर लक्ष्मण द्रविड़, पंजाब टैक्सी एसोसिएशन के प्रधान इंद्रपाल सिंह, फैक्ट्री का गेटकीपर धन बहादुर, कंप्यूटर डिजाइनर संदीप कुमार, बलदेव सिंह, अमरजोत सिंह व कन्हैया समेत 16 लोगों की मौत हो गई थी। लीडिंग फायर मैन मनोहर लाल, फायर मैन सुखदेव सिंह तथा मनप्रीत सिंह के शव भी नहीं मिल सके थे।
एनडीआरएफ ने संभाला था मोर्चा
हादसे का पता चलते ही सेना के साथ-साथ एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स), नगर निगम व पुलिस की टीमों ने मौके पर पहुंच कर राहत कार्य शुरू किया था। जो अगले सात दिनों तक जारी रहा। रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने के बाद अमरसंस पॉलिमर फैक्ट्री का मलवा हटा दिया गया। उसके चारों तरफ दीवार खड़ी कर बाहर गेट लगा दिया गया। मामले में थाना डिवीजन दो पुलिस ने लीडिंग फायर अफसर सुरिंदर कुमार की शिकायत पर फैक्ट्री मालिक इंद्रजीत सिंह उर्फ गोला के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, लापरवाही और फैक्ट्री में अग्निकांड से बचाव के लिए उपकरण न लगाने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज गिरफ्तार कर लिया। लंबी अदालती प्रक्रिया के बाद हाल ही में गोला को जमानत दे दी गई। अदालत में अगली पेशी अब 14 दिसंबर को है।
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